लेखनी कहानी -01-Jul-2023
लेखनी -
प्रतियोगिता-
माँ ने बड़े प्यार से
आंखों में लगाया था काजल
यह सोचकर इस रंग-बिरंगी
दुनिया में फूल सा नाजुक
मेरा बच्चा सबसे सुन्दर दिखे
अलग लगे और दुनिया की
सभी बुरी नजरों से बचा रहे
अति कोमल गालों के पीछे भी
मेरी माँ ने काजल छुआया था
क्योंकि माँ तो आखिर माँ
होती है हर पल अपने
औलाद की सलामती चाहती है
सुबह की पहली किरण से
लेकर रात्रि के आखिरी प्रहर तक
अपने बच्चों के लिए ही जीती है
उसकी फिक्र करने में भले ही
वह स्वयं को याद रखना भूल जाए
मगर कभी वो अपने बच्चों का
विशेष ध्यान रखना नहीं भूलती
छोटी सी डिबिया में
अपने हाथों से काजल बनाकर
रखती थी मेरी माँ
मुझे सजाने के लिए
संवारने के लिए ज़िन्दगी के
प्रत्येक क्षेत्र में सदैव आगे
रहने के लिए मेरी माँ
मुझे काजल लगाती थी॥
आधे -अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियाँ
किरण मिश्रा #निधि#
Shashank मणि Yadava 'सनम'
07-Sep-2023 04:44 PM
Nice
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Varsha_Upadhyay
08-Aug-2023 04:55 PM
बहुत खूब
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